सोमवार, 14 जुलाई 2008

वी सी आर (एक)


उमरानाला में विडियो का आगमन हो चुका था । तीन तीन विडियो हॉल से उमरानाला का माहौल अब पूरे बारह महीने के लिए फिल्मी हो गया। अब न तो गाँव के लोगो को टूरिंग टाकिज के साल में एक बार आने का इतंजार होता था । न ही अब छिंदवाडा में जाकर फ़िल्म देखने के लिए परेशान होने की ज़रूरत थी । वैसे मोहखेड़ में सबसे पहले विडियो हॉल खुला ,उमरानाला में विडियो हॉल इसके बाद ही शुरू हुए । गाँव के विडियो संचालकों ने गाँव में टूरिंग टाकिज की आवाजाही को रुकवा दिया । गाँव की फिजा में विडियो का चलन तेज़ी से बढ़ गया । नई नई फिल्में आसानी से गाँव के लोगो को देखने के लिए मिलने लगी । गाँव में एक नई संस्कृति विडियो संस्कृति पनपने लगी । विडियो हॉल में दूर दराज़ से लोग फिल्म देखने आने लगे । मिथुन ,गोविंदा ,जीतेन्द्र गाँव की नयी पीढी पर असर करने लगे
गाँव के ही एक विडियो में दीनाजी (परिवर्तित नाम ) का लड़का जोगीराम (परिवर्तित नाम) गेट कीपर का काम करता था । सुबह नौ बजे से जोगीराम की दिनचर्या शुरू हो जाती थी । फ़िल्म के पोस्टर को वो बस स्टैंड ,जाम रोड के तीगड्ढे ,रेलवे स्टेशन रोड पर लगाने के लिए निकल जाता था । फ़िल्म के पोस्टर लगाने के बाद जोगीराम गाँव की होटल में चाय पानी करके गेट कीपर के अपने काम के लिए तैयार हो जाता । चार शो के दौरान वो गेट कीपर का अपना काम मुस्तैदी से करके , रात में आखरी शो नौ से बारह के बाद अपने गाँव हिवरा के लिए चला जाता था ।
जोगी
की जिंदगी बड़े मजे से फिल्मों के बीच चल रही थी । उसे हर फ़िल्म पूरी मुंह जुबानी याद हो जाती थी। नई फ़िल्म जोगी हॉल के अन्दर बैठकर देख लिया करता था । हिवरा में लोगो के बीच उसकी अच्छी आव भगत होती थी ,क्योंकि गाँव के लोगो को लगता था की जोगी फिल्मी दुनिया का पंडित है ।फिल्मों का अच्छा जानकर
है । कौन सी फ़िल्म देखनी चाहिए कौन सी नही वह गाँव के लोगो को अपनी विशेषज्ञता के आधार पर बता देता था वो ये भी बता सकता था कि कौन सी फ़िल्म हो सकती है? कौन सी फ़िल्म फ्लॉप । फ़िल्म किसलिए हिट होगी और क्यों फ्लॉप जोगी के पास इसका भी माकूल जवाब होता था .उसके इस अनोखे गुणों के मुरीद विडियो संचालक भी थे ।
इसलिए कई बार ऐसा भी हुआ की जोगी को दूसरे विडियो संचालकों से भी काम करने का प्रस्ताव मिला .लेकिन जोगी ने अपने विडियो को नही छोडा। जोगी की जिम्मेदारिया विडियो में अब बढती ही जा रही थी .जोगी को अब छिंदवाडा जाकर फिल्मों के पोस्टर ,और विडियो कैसेट्स लाने लगा । अब लगभग उसकी मर्जी से ही फिल्मे लगती और उतरती । उसके हाथ के नीचे दो नए गेट कीपर आ गए थे , जोगी अब विडियो का ओपरेटर बन गया । जोगी की तरक्की से उसके घर वाले भी बेहद खुश थे । इसलिए उसके पिता ने उसकी शादी के लिए लड़कियां ढूंढनी शुरू कर दी ।(जारी )

4 टिप्‍पणियां:

नीरज गोस्वामी ने कहा…

बहुत दिलचस्प पोस्ट...आप के लिखने का अंदाज इतना प्यारा है की पता ही नहीं लगता कब पोस्ट ख़तम हो गयी..अगली कड़ी का इन्तेजार रहेगा...
नीरज

PD ने कहा…

बहुत बढिया..

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` ने कहा…

अच्छी गति , आँखोँ देखा हाल सा बयान - लिखते रहीये
-लावण्या

Chhindwara ने कहा…

jordar