शनिवार, 11 अक्तूबर 2008

अमिताभ बच्चन, बचपन और उमरानाला

बात सर्दियों की हैरेलवे स्टेशन की दुर्गा उत्सव समिति बड़े धूम धाम से दुर्गा उत्सव का आयोजन करती थी । इस दौरान पूरे दस दिन गाँव में मेले जैसा माहौल होता था । रेलवे दुर्गा उत्सव समिति के इस आयोजन में मुख्य आकर्षण होती थी परदे वाली फिल्में ।
अमिताभ बच्चन से पहली मुलाकात इन्ही परदे वाले फिल्मों में हुई । फ़िल्म ज़ंजीर मैं उस वक्त स्कूल भी नही जाता था । बड़े परदे पर ज़ंजीर का या यूँ कहे तो अमिताभ का ऐसा आकर्षण हुआ कि मैं मेरे दोस्त अमिताभ के फैन बन गए । हालाँकि बचपन में ज़ंजीर फ़िल्म देख के मैं डर गया था .वैसे भी रात में रेलवे स्टेशन के बारे में मैंने कई मन गढ़ंत कहानियाँ सुन रखी थी । रेलवे स्टेशन के इमली के पेड़ पर भूत रहता है । परदे वाली फ़िल्म इसी इमली के पेड़ के नीचे दिखाई जाती थी । परदे के एक तरफ़ महिलाएं और एक तरफ पुरूष बैठेते थे । प्रोजेक्टर शुरू होता और माहौल में तालियों की गडगडाहट गूँज जाती थी ।
फ़िल्म ज़ंजीर में अमिताभ को एक खवाब से डर लगता है । एक सफ़ेद घोड़ा और डरा देने वाला पार्श्वसंगीत ...मेरे बचपन में भी सफ़ेद घोड़ा मुझे खवाब में डराता रहा ।
ऊपर से गाँव की सबसे भूतिया जगह पर फ़िल्म का मुजायरा ...
गाँव में टूरिंग टाकिज आती थी अमिताभ की फिल्में इनमे खास तौर पर दिखाई जाती थी । फ़िर विडियो का चलन बढ़ा अमिताभ इनकी भी शान बने । स्कूल की किताबों के कवर पर हम अमिताभ की तस्वीरों वाला चिकना रंगीन अखबार चढाते थे । बचपन में परदे का ये महानायक हमारे लिए सुपर हीरो था ।
कभी जय की तरह बनकर हम गब्बर का खात्मा करते तो कभी ऊँचे टीले से छलांग मारकर हम एक्शन करते । हमारे खेलों में अमिताभ होते । हमारी चर्चाओं में अमिताभ ही होते । उनकी तरह डायलाग बोलने की कोशिश भी करते ... अमूमन अमिताभ की एक फ़िल्म हम कई बार देखते । एक ही फ़िल्म को कई बार देखने के पीछे हमारे कई मकसद होते ..जैसे फ़िल्म की एक्शन को कॉपी करना ,फ़िर गानों को रटना फ़िर डायलाग को रटने के लिए ...आदि के लिए अमिताभ हमें मनोरजन के साथ साथ समाज की सुरक्षा की गारंटी भी लगते थे ..हमें महसूस होता महानायक के होते हुए अन्याय नही होगा । समाज का कोई भी दुश्मन जिंदा नही बचेगा .हमारा सुपर हीरो अमिताभ उनको सबक सिखायेगा । क्योंकि हमारा सुपर हीरो अमिताभ एक साथ कई लोगो से लड़ सकता है । परदे पर जब कभी अमिताभ को मार पड़ती हम रुआंसे हो जाते ..दुश्मनों को जब वो पीटते तो हम तालियाँ बजाते । परदे पर जब कहानी में ये सुपर हीरो मर जाता तो हम सचमुच में रोने लगते ।अमिताभ हमारे बचपन के अच्छे पलों का हिस्सा है । हमारे रियल सुपर हीरो उनकी ६६ वी सालगिरह पर मेरी और अनेको शुभकामनायें
HAPPY BIRTH DAY BIG B !!!

**अमिताभ लीलावती हॉस्पिटल में भर्ती है..अभी अभी मुझे फ़ोन पर ये सूचना मित्र प्रभात पाण्डेय ने दी
परमपिता ईश्वर से प्रार्थना है हमारे सुपर हीरो अमिताभ जल्द स्वस्थ हों

प्यारे खुदा ,
इस प्रार्थना को सुनना
हमारे सुपर हीरो को जल्द
सेहतमंद करना ।
ये दुआ है हम सबकी इसे सुनना
आमीन! आमीन!! आमीन !!!

GET WELL SOON BIG बी!!

4 टिप्‍पणियां:

Udan Tashtari ने कहा…

अमिताभ जल्द स्वस्थ हों ...

umesh chaturvedi ने कहा…

अच्छा किया - अमिताभ जी आपने अपने बहाने बहुत सारे लोगों के बचपन की यादें ताजा कर दीं।
बधाई

Unknown ने कहा…

woh deewar wala amitabh aaj bh mere saath chalta h......bachpan se.....aacha laga dubeyji aapka idea.......aap lag raha blog sahi rashte par h

Amit K Sagar ने कहा…

ये उमरानाला का नसीब भी है की आप वहाँ के बाशिंदे हैं.! उम्दा. मिलते हैं रात को!