बुधवार, 17 दिसंबर 2008

मिडिल स्कूल


मिडिल स्कूल का सिलसिला
आज भी बसा मेरे दिल में
सुबह सात से दोपहर बारह बजे का स्कूल
सर्दियों में कितना प्यारा लगता था स्कूल

यादों की गलियां है
फूलो की कलियाँ
इन यादों में मीठी बातें
इन यादों में तीखी बातें
इन यादों में खट्टी बातें
हर स्वाद है यादों में

उमरानाला की गलियां
पानी के छोटे नाले
उमरा नदी की फेनिल लड़ियाँ
यादे अपनी गलियों की
यादे तेरी गलियों की

जाम रोड पर सड़क का मुड़ना
तेरा स्कूल यहाँ से आना
फ़िर जाम रोड की सड़क
से अपनी गलियों में जाना
दिसम्बर की सर्द सुबह में
स्कूल सवेरे आ जाना
और लंच की छुट्टी में
गुनगुनी धूप में
तेरा क्लास से बाहर आ जाना
कोई वजह नही इन बातों की
कोई सबब नही इनमें

फ़िर इन्ही गुनगुनी धूप में
लग जाती हमारी क्लास
दोपहर की पूरी छुट्टी
फ़िर जाम रोड पर तेरा जाना
यूँ तो मैं जा सकता सीधी
सड़क से अपने घर
पर मेरा भी तेरी सड़कों से
अपने घर पर जाना

दिल बसता है तेरी गलियों में
जैसे आज भी मेरा
जैसे तेरी यादें ही मेरी शामें और सवेरा

मिडिल स्कूल का सिलसिला
आज भी बसा मेरे दिल में
सुबह सात से दोपहर बारह बजे का स्कूल
सर्दियों में कितना प्यारा लगता था स्कूल

1 टिप्पणी:

vikas ने कहा…

bhaiya bahut mazedar likha he aapne...!
koi 15 augast aur 26 january ki school ki taiyaria ham log jo kiya karte the,jaise raato ko class decoration, junior clss se 1-5 Rs. ka chanda lena.. aur bhi bahut kuchh