अब दोस्तों इस हफ्ते के हमारे सात सवाल .... उदास और बुझे मन से तृष्णा सातसवाल नोट करने लगा । इस बार पूरी ताक़त लगा दूंगा । अपनी दोस्त कविता शर्मा को अनुमति दीजिए । अगले हफ्ते इसी दिन इसी समय हम हाज़िर होंगे "युववाणी" में "सात सवाल " कार्यक्रम के साथ .... हमें ख़त ज़रूर लिखे हमारापता है ....तृष्णा ने रेडियो बंद कर दिया .... भीतर से आवाज़ आई गाय को चारा पानी कर दे ....ssss
रात सुगम संगीत का प्रोग्राम शुरू हो चुका था । अपनी खटिया पर किताबों के ढेर में तृष्णा "सात सवालों" केज़वाबों को खोजने में जुट गया । पूरी तरह आश्वस्त होने के बाद उसने चार पोस्ट कार्ड तैयार कर लिए । इस बारउसने नई रणनीति अपनाई । उसे लगा कि इस बार जवाब ख़ुद के नाम के अलावा घर के दूसरे सदस्यों के नाम से भी तैयार किए जाएँ । रामधन ,प्रीतम और दो कार्ड ख़ुद के नाम । शायद मेरी किस्मत अच्छी न हो । इसलिए इस बार रामधन और प्रीतम के नाम से भी कार्ड भेज के देखते हैं ।
सुबह सुबह स्कूल जाते समय उसने उमरनाला पोस्ट ऑफिस में एक कार्ड और बाक़ी के तीन कार्ड छिंदवाडा कॉलेज जा रहे अपने परम मित्र मीतू के हाथो भिजवा दिए । क्योंकि उमरानाला की डाक व्यवस्था के प्रति उसके मन में संदेह था । उसे लगा हो सकता सकता है ...शहर से कार्ड पोस्टकरने से जवाब जल्दी और सुरक्षित आकाशवाणी केन्द्र पहुँच जायेंगे । उसे जवाबों के चयन पर भी इक बार शक हुआ । लेकिन फ़िर उसे लगा इसमे धांधली जैसी कोई बात नही होगी । वरना इस बार पालाखेड़ का युवक सागर माटे विजेतानही होता ।
स्कूल में दो दिन की छुट्टी है उसने तय किया की इस बार के विजेता सागर माटे से मिलकर "सात सवाल " के तिलस्म को तोड़ने का उपाय पूछा जाय । उसने सागर का इंटरव्यू भी सुना था । उसे लगा कि सागर एक अच्छामित्र बन सकता है । मध्य प्रदेश पी एस सी की तैयारी करने वाले सागर की आवाज़ और लहजे से वो काफीप्रभावित भी हुआ था । फ़िर पालाखेड़ में शुक्रवार का साप्ताहिक बाज़ार भी लगता है । बाज़ार घूमना भी हो जाएगाऔर सागर से मुलाक़ात भी ....
शाम स्कूल की छुट्टी के बाद वो मीतू के घर गया । मीतू ने उसे बताया कार्ड पोस्ट कर दिए हैं । दस बजे से पहलेमुख्य डाक घर में ही । शाम तक आकाशवाणी कार्ड पहुँच गए होंगे । मीतू ने कहा "डोंगरे जी " फ़िक्र मत करो इसबार तुम ही विजेता होगे ।
गाय को चारा पानी करने के बाद थोडी देर कोर्स की किताबो से मगज मारी के बाद तृष्णा देर रात सो गया । ये रातमें रेडियो चालू छोड़ कर सो जाता है । पिताजी ने गुस्से में कहा और रेडियो को बंद कर दिया । नीली टोपी लगाकर तृष्णा साइकल से पालाखेड़ के लिए निकल पड़ा । रास्ते में रेडियो का आनंद लेते हुए उसका सफर मज़े से कटा । पालाखेड़ शिव मन्दिर के पास सागर माटे जी के घर वो पहुँच ही गया । अचानक एक नए आंगतुक को देखउसके घर वाले हैरानी से तृष्णा को देखने लगे । तृष्णा ने अपना परिचय दिया ...और सागर को सात सवाल काविजेता बनने पर बधाई भी दी । दोनों दिन भर साथ रहे । माटे परिवार में तृष्णा जी की दूर की रिश्तेदारी भी निकलआई । प्रतियोगिता दर्पण ,रोज़गार निर्माण , सामान्य ज्ञान दर्पण जैसी किताबो से सागर का घर अटा पड़ाथा । तृष्णा ने इस बार के सात सवाल कार्यक्रम के सवालों के जवाब भी उससे पूछे ...तृष्णा को पूरा भरोसा होगया इस बार मेरे सारे सवाल सही है । आखरी सवाल संविधान की आत्मा किस अनुच्छेद को कहा जाता ?बस इसी सवाल में उसे थोड़ा सुबा था सो अनुच्छेद ३२ जवाब उसने जब भारत का संविधान (सुभाष कश्यप ) की किताब में ये ज़वाब अपनी आँखों से देख लिया तो उसे बड़ा सुकून मिला । सागर ने उसे सात सवाल कार्यक्रम केलिए कुछ गुरु मन्त्र (टिप्स ) भी दिए । सात सवाल का तिलस्म टूटेगा हफ्ते भर के अख़बार पढने से ,साथ में रोज़गार निर्माण भी लो और प्रतियोगिता दर्पण किताब का वार्षिक घटना चक्र भी । सागर ने उसे कुछपुरानी किताबे पढने के लिए दी मन में संतोष के भाव लिए । तृष्णा देर शाम को घर आ गया ।
एक सौ दो दशमलव दो मेगा हर्ट्ज़ पर ये आकाशवाणी का छिंदवाडा एफ़ एम् केन्द्र है । अब सुनील कंदोला से सुनिए किसान भाईयों का कार्यक्रम "चौपाल " ....
"चौपाल" में किसान भाईयों को सुनील कंदोला की राम राम !!! भैया ये समय रबी की फसल की कटाई का है ...हमें रबी की फसल की कटाई में क्या क्या सावधानियां रखनी चाहिए जानते हैं हमारे कृषि वैज्ञानिक करमवीर पवार से करमवीर जी .."चौपाल" कार्यक्रम में आपका स्वागत है। रेडियो की आवाज़ तेज़ कर दे ..भीतर से पिताजी की आवाज़ आई । तृष्णा ने रेडियो की आवाज़ बढ़ा दी । शनिवार ..रविवार ...सोमवार मंगलवार ....और बुधवार कविता जी से मुलाकात लाला रामस्वरूप के कलेंडर में तृष्णा ने स्केच पेन से बड़ा गोला बना दिया ... गाय को चारा पानी दे दे अंदर से आवाज़ आई ..ssss.(जारी है )
7 टिप्पणियां:
अगली कड़ी का बेसब्री से इंतजार रहेगा .
भाई,
एफ़ एम् कहानी बहुत अच्छी जा रही है . इसकी दूसरी कड़ी " तिलस्म सात सवाल का" बेहद दिलचस्प बन पड़ी है .
उम्मीद है आगे की किस्त भी जोरदार रहेगी .
sir ,aapne itni acchi katha likhi hai ki mujhe mera gaon yaad aa gaya , waise main nagpur se hoon aur mujhe yaad aata haiki chindwada ya pathakheda jaate samay ye gaon padtha hai .. yadi sahi ho to batayen..
aapka vijay
poemsofvijay.blogspot.com
भाई आपने तो गाँव की सोंधी मिट्टी की याद दिला दी. अगली किस्त का इन्तजार रहेगा.
भाई वाह क्या खूब लिखा है आपने !! मुझे बेसब्री से अगली कड़ी का इंतज़ार है . वैसे ऍफ़ एम् सुनने का शौक मुझे भी है . ये कहानी कहीं न कहीं हम सभी की है और इस बार आपने तो मुझे विजेता भी बना दिया . शुक्रिया भाई
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मैं तो हर चुका था हर बाज़ी
तेरे प्यार ने लिख दी जीत मेरे नाम
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दिल जीत लिया
luv u brother
amit k sagar
अमिताभ जी बहुत - बहुत धन्यवाद
आपने एक नालायक को आखिरकार कृषि वैज्ञानिक बना दिया जिसकी मुझे बेहद खुशी है ये एक सपना पूरा होने जैसी ही है
बहुत बढ़िया राम...आगे बढ़ाओ आज एक अरसे के बाद तुम्हारे ब्लाग पर या हूं...एफ एम की कहानी मज़ेदार है और तुम्हारी ललक को भी बयां करती है...तुम्हारे अंदर सवालों के जवाब देने की छटपटाहट तो मैं पहले ही देख चुका हूं..तुम्हें याद है वो तिवारी से ग़लत जवाबों के लिए तुम्हारा फ़ोन करना और उनसे झगड़ना...खैर अच्छा लिख रहे हो..आगे बढ़ो मैं भी जानना चाहता हूं तुम्हारी पहली जीत के बारे में...
प्रशान्त नेमा
छिंदवाड़ा
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