(रामधन के काफी करीब पहुँच गए है हम )
एक आशा की किरण मिली है । सावनेर और आस पास के गाँव में रामधन देखा गया । उसकी तलाश में महाराष्ट्र पुलिस भी सक्रिय है । ईश्वर की कृपा रही तो आज ही शाम तक शुभ समाचार मिल जाएगा । डोंगरे तन्सरा के अपने मित्र संतोष के साथ वलनी में रामधन की तलाश कर रहा है । रामधन जल्दी घर आ जाए इसके लिए हम सभी प्रार्थना कर रहे है .प्रेम परिहार जी ने रामधन की कुशल वापसी के लिए अपने आध्यत्मिक गुरु श्री दादाजी (साईं खेडा ) से भी बात की.दादाजी से बातचीत के बात उनकी कृपा से रामधन के विषय में काफी जानकारी मिल गई है .इसी बीच कल रात प्रेम परिहार जी ने रामधन के लिए एक रचना भी लिखी
लौट के आ जा पुत्र रामधन, तेरी माँ का हाल बुरा है
बुरे हाल हैं भाई-बहिन के, तू इस घर का चिराग खरा है
कहाँ गया तू हमें छोड़कर, हमने गले झुलाया तुमको
कितना प्यार तुम्हें करते हैं, मालूम है ये बात सभी को.
लुट गई सारी खुशी हमारी, दुःख, दर्द, संकट बिखरा है.
दादा, दादी, चाचा-चाची, सभी यहाँ पर दुखी बहुत
परमेश्वर से करें प्रार्थना, तू तो होवे सुखी जगत
आती याद सदैव तुम्हारी, अंधकार रान्खिं में घिरा हिया
लौट के आजा भाई मेरे, सचमुच कोई कुछ न कहेगा
तेरे आ जाने से घर में, बुझा चिराग तुरन्त जलेगा
भूल गए हम हँसाना गाना, आंखों में आंसू की धरा है.
कहाँ-कहाँ ढूंडा है तुमको, कहाँ कहाँ खोजा है
हमने सारे देव मनाये, कैसा सर पर बोझा है
छूट गई है खुशी हमारी, काला धुंआ यहाँ पसरा है
आस पड़ोसी सभी बुलाते, आजा लाल हमारी तू
बूढे बड़े जो गोद खिलाते, सबका एक सहारा तू
देख तुझे अँखियाँ हंस देंगी, ये ही मन में भावः भरा है
-"प्रेम"
(आज गणेश चतुर्थी भी है प्रभु गणेश से प्रार्थना है कि रामधन को जल्दी सकुशल घर आ जाए -अमित के सागर ,प्रेम परिहार अमिताभ )
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