शनिवार, 9 अगस्त 2008

वी सी आर (पाँच)


जोगी की जिंदगी दिन दिन गुले गुलज़ार हो रही थी बीच में प्रकाश के हाथो उसने अपनी एक तस्वीर गीता (अब पारो .पार्वती ) के लिए भिजवा दी चटक लाल रंग की टी शर्ट और उस पर पीले काले पट्टो वाला मफलर गले में डाले जोगी की ये सबसे पसंदीदा फोटो थी गीता की भाभी ने उसे फोटो दिखाकर खूब चिढाया गीता के दिल से भी निकला मेरा सजन मेरा मिथुन दोनों घरों में शादी की तैयारियां शुरू हो गई इधर जोगी के ससुर शनिवार के बाज़ार के दिन अपने होने वाले दामाद के लिए सूट का कपड़ा आदि लेने गए .शादी में सूट चूँकी जोगी ही पहनेगा सो .गाँव के रिवाज़ दस्तूर के मुताबिक उसकी पसंद का कपड़ा लिवाने वे उसे उमरानाला की सबसे अच्छी दुकान पर ले गए करीब डेढ़ दो घंटे की मगजमारी के बाद जोगी ने प्रकाश और अपनी पसंद से सूट के लिए कपड़ा पसंद कर लिया
प्रकाश ने सुझाव दिया कि जूते के पैसे आप नगद दे दो .जोगी और मैं कल छिंदवाडा से खरीद लेंगे उमरानाला में जूते की क्वालिटी अच्छी नही मिलती है सखाराम जी ने जूते के पैसे (कुछ बढ़ा कर शायद इसमे छिदवाडा आने जाने ,टाकिज में फ़िल्म देखने , चाय नाश्ता आदि शामिल करके ) जोगी के हाथ में रख दिए .झिझकते हुए जोगी ने रुपये जेब में डाल लिए अपने होने वाले ससुर और उनके साथ आए लोगो के साथ जोगी ने चाय नाश्ता किया उनकी विदाई के बाद जोगी शाम के वक्त अख्तर टेलर की दुकान में कपडे लेकर अपना नाप जोख देने चला गया आदत के मुताबिक अख्तर ने पहले तो कपडे की क्वालिटी की खूब तारीफ की .साथ ही उसने जोगी के ड्रेस सेंस को लेकर तारीफ़ के कसीदे भी कास दिए .शादी कब की है ? जोगी ने कहा १५ मई की बारात और १२ का फलदान है अख्तर ने कहा १० को काम ओके मिलेगा राजेश की दुकान से उसने चाय मंगवाई सूट की सिलाई की पेशगी देकर जोगी फ़िर विडियो गया शनिवार के दिन विडियो में खासी भीड़ होती है शनिवार का बाज़ार विडियो के पीछे लगता था
शादी के दिन नज़दीक आते जा रहे थे इधर जोगी की व्यस्तता भी बढ़ रही थी। शादी के कुछ काम जैसे कार्ड बाटना आदि उसने अपने चेलो को सौप दिया .उसने केवल कुछ खास घरों के कार्ड अपने पास रख लिए ।विडियो के कम जब जब थोडी फुर्सत मिलती जोगी प्रकाश के साथ कार्ड बांटने के लिए निकल पड़ता रात में बारह का शो खत्म हो जाने के बाद जोगी कभी -कभी अंगरेजी फिल्में देखने लगा .ऐसा नही था की जोगी को इंग्लिश आती थी प्रकाश के सुझाव के मुताबिक ऐसी फिल्मे वो अपने विशेष ज्ञान को बढाने के लिए देखने लगा था ..जो उसके इस्तेमाल में जल्द ही आने वाला है जोगी की नींदे धीरे धीरे उड़ने लगी ,नीद आए तो मीठे सपने लाये जोगी की हालत कुछ ऐसी हो गई कि रात में नीद नही और दिन में सपने ही सपने। शादी के कार्ड बांटते हुए जोगी ने दो तीन दफे गोहजर के भी फेरे मार लिए लेकिन केवल एक ही बार उसे गीता का दीदार हुआ जोगी को गाँव में अचानक देख कर गीता शर्मा गई प्रकाश के पीछे गाड़ी में बैठे गीता ने अपनी लम्बी जुल्फों में हाथ फेरकर गीता को इशारा किया गीता ने सादगी भरी मुस्कान से अपने हीरो को प्यार का पैगाम दे दिया दोपहर का वक्त था गाँव की सड़क सुनसान थी गरमी की लू में उडती लाल मिटटी की धूलि गीता के चेहरे पर गई ...गीता शरमा कर चली गयी .
शादी से कुछ ही रोज़ पहले की घटना है जोगी की जिंदगी में एक तूफ़ान गया हैप्पी मोड़ में चल रही जोगी की लाइफ में अचानक एक ट्विस्ट गया विडियो में शनिवार के दिन आंधी तूफ़ान फ़िल्म लगी इसका कैसेट जोगी शुक्रवार को छिंदवाडा से लेकर या था उसके बारे में मशहूर था की वो कैसेट को हाथ में रख कर ही उसकी क्वालिटी को बता देता था उसके पूरे करीअर में सबसे बड़ी भूल हो गई शनिवार का दिन विडियो में सबसे ज़्यादा कमाई का दिन होता था ख़राब क्वालिटी की प्रिंट वाली आंधी तूफ़ान फ़िल्म की इस कैसेट से वीसीआर में बड़ी तकनीकी खराबी गई विडियो बंद करना पड़ गया सबसे ज़्यादा कमाई वाले दिन विडियो के बंद हो जाने से विडियो मालिक के बड़े बेटे और जोगी के बीच बवाल हो गया .गुस्से में मोती (विडियो मालिक के बड़े बेटे ) ने जोगी को दो तमाचे रसीद कर दिए जोगी के पैरों तले ज़मीन सरक गयी कैसेट के ग्लीच वीसीआर की गडबडी उसके मास्टर प्रिंट जीवन में कहर बरपा गए
तैश में जोगी विडियो से चला गया विडियो जिसे जोगी अपना सब कुछ मानता था .वहाँ से उसकी इस तरह रुखसत से उसके चेलों को भी बहुत दुःख हुआ उसने अपने चेले से कहा प्रकाश आएगा तो उसे उमरा नदी पर भेज देना उमरा नदी के तट पर बैठकर शनिवार का बाज़ार करके जाने वाले लोगो को वो देखने लगा सड़क के पुल पर काफी शोर था .लेकिन उमरा नदी के बहते जल को आँख गडाकर देखते हुए जोगी अपने गम को पानी के बहाव के साथ बहने की कोशिश करने लगा प्रकाश जोगी के पास गया ,उसने फफक फफक कर अपना दर्द उसके सामने बयाँ किया प्रकाश ने उसे दिलासा देते हुए कहा मोती क्या जाने विडियो चलाना ..तेरे बिना उनका विडियो चल भी नही पायेगा .तू फ़िक्र मत कर "जी" (विडियो के मालिक को पूरा गाँव जी कहता है ) को जाने दे .तुझे काम "जी " ने दिया था। जो होता है अच्छे के लिए ही होता है प्रकाश ने उसे दिलासा देते हुए कहा कि वो सब दौडे दौडे तेरे पास ही आयेंगे लेकिन जोगी का मन इन दिलासों से ख़ुद को मनाने के लिए राजी हुआ डूबते सूरज की लाल आभा को उमरा की लहरों में निहारते हुए प्रकाश से कहा कि प्रकाश अब गाँव में जोगी विडियो खोलेगा मैं अब अपना विडियो लाऊँगा इन सब की छुट्टी कर दी तो मेरा नाम भी जोगी नही
उसने कहा कल तू गोह्जर जा और मेरे ससुर से कह मुझे दहेज़ में विडियो चाहिए प्रकाश ने उसे समझाया हमारे जैसे लोग आख़िर विडियो कैसे खरीद पाएंगे तू अभी गुस्से में है इसलिए शायद ऐसा कह रहा है .प्रकाश ने कहा लेकिन जोगी अपनी जिद पर अड़ गया उसने कहा अगर तू नही कह सकता तो बता दे , मैं ख़ुद जाकर उनको कह कर आता हूँ रात होते होते तक जोगी को विडियो से निकालने की चर्चा हिवरा तक जा पहुँची जोगी ने प्रकाश के साथ ढाबे पर बैठकर बीअर पी फ़िर देर रात वो हिवरा गए जोगी ने अपने पिता को रात में ही अपना फरमान यानी अरमान सुना दिया .पिता ने उसे समझाया ये बेकार की जिद है तुम खेतों में काम करो मेहनत करो लेकिन किसी की भी बात उसे समझ नही रही थी
रात में प्रकाश जोगी के घर ही रुक गयादूसरे दिन उसे जोगी की जिद के आगे हारना पड़ा .वो उसे लेकर गोह्जर गयासगाई (फलदान) के ठीक सात दिन पहले होने वाला दामाद ससुराल भला क्यों गयागीता के पिता को काफी चिंता हुईउसकी नौकरी जाने की ख़बर उन्हें सुबह ही मिल चुकी थीउन्होंने जोगी को पिता की भांती समझाते हुए कहा कि तुम कोई और काम कर लेनाजोगी ने उनसे साफ साफ कह दिया कि उसे दहेज़ में वीसीआर और टीवी चाहिएवो विडियो का धंधा शुरू करेगा(समापन किस्त अगले हफ्ते ज़रूर पढ़े )

1 टिप्पणी:

Amit K Sagar ने कहा…

वाह!वाह! क्या कहानी निकली. मज़ा आगया. आपको धन्यवाद.
सचमुच, मैं इसे पहले भाग से पड़ता आ रहा हूँ. और हर भाग के बाद कहानी जानने की लालसा मुझे रोज़ ही यहाँ खींच कर लाती रही...शुक्रिया. आगे भी लिखते रहेंगे. एसी उम्मीद है.
---
यहाँ भी आयें;
उल्टा तीर
उल्टा तीर (निष्कर्ष)